बिहार: स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान हैक होने वाली आईडी, स्कूल को निजी ऐप बनाएं
स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू तो कर दी, लेकिन सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा। अब ऐसे में कई ऑनलाइन एप से अभिभावकों के मोबाइल और पर्सनल लैपटॉप से उनके आईडी हैक होने लगे हैं। परेशान कई अभिभावकों ने संबंधित स्कूलों से इसकी शिकायत भी की है।
अब स्कूल अपने स्तर से निजी एप बनाने की तैयारी कर रहे हैं। जिससे अभिभावकों को किसी तरह का नुकसान न हो।ज्ञात हो कि लॉकडाउन में सारे स्कूल बंद हैं। ऐसे में नए सत्र में ऑनलाइन पढ़ाई स्कूलों द्वारा शुरू की गई। कई स्कूलों ने ऐसे एप से पढ़ाई शुरू करवायी है जो सुरक्षित नहीं है। इन ऑनलाइन एप में कोई न कोई कमी है, जिसका फायदा हैकर्स आसानी से उठा रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार ने बताया कि पढ़ाई शुरू करने की जल्दबाजी में कई स्कूलों ने एप की जांच नहीं की। कुछ कंपनियों के एप में कमियां हैं। सोच समझ कर स्कूलों को एप का इस्तेमाल करना चाहिए।
बोर्ड द्वारा प्रोवाइड एप का करें इस्तेमाल : सीबीएसई और आईसीएसई ने सभी स्कूलों को मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रोवाइड किये गये एप से ही पढ़ाई करवाने के निर्देश दिये हैं लेकिन कई निजी विद्यालय दूसरी कंपनियों के एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका नुकसान शिक्षक और अभिभावकों को हो रहा हैं। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा दीक्षा एप, स्कूल के यू-ट्यूब चैनल, ई-पाठशाला, स्वयंप्रभा आदि जारी किये जा चुके हैं। इन सभी में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई की सारी सामग्री है।
पासवर्ड को मजबूत बनाएं ’ वीडियो कॉल आदि से बचें। ’ मोबाइल या लैपटॉप से पढ़ाई में इस्तेमाल करने से पहले बांकी सारी चीजें बंद कर दें। ’ जो भी डाटा हो, उसे पासवर्ड से लॉक करके रखें ’ संभव हो तो ऐसे मोबाइल का ऑनलाइन पढ़ाई में इस्तेमाल करें, जिसमें किसी तरह का डाटा न हो
ज्यादातर स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। कुछ ऐसे ऑनलाइन एप हैं, जिससे अभिभावक, छात्र और शिक्षकों का डाटा हैक हो रहा है। इसकी शिकायत कई अभिभावकों ने की है। स्कूलों को इसका ख्याल रखना चाहिए। वही एप इस्तेमाल करें तो सुरक्षित हो। - डीके सिंह, अध्यक्ष, बिहार चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन
ऑनलाइन पढाई से बच्चों में उत्साह
अब स्कूल अपने स्तर से निजी एप बनाने की तैयारी कर रहे हैं। जिससे अभिभावकों को किसी तरह का नुकसान न हो।ज्ञात हो कि लॉकडाउन में सारे स्कूल बंद हैं। ऐसे में नए सत्र में ऑनलाइन पढ़ाई स्कूलों द्वारा शुरू की गई। कई स्कूलों ने ऐसे एप से पढ़ाई शुरू करवायी है जो सुरक्षित नहीं है। इन ऑनलाइन एप में कोई न कोई कमी है, जिसका फायदा हैकर्स आसानी से उठा रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार ने बताया कि पढ़ाई शुरू करने की जल्दबाजी में कई स्कूलों ने एप की जांच नहीं की। कुछ कंपनियों के एप में कमियां हैं। सोच समझ कर स्कूलों को एप का इस्तेमाल करना चाहिए।
बोर्ड द्वारा प्रोवाइड एप का करें इस्तेमाल : सीबीएसई और आईसीएसई ने सभी स्कूलों को मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रोवाइड किये गये एप से ही पढ़ाई करवाने के निर्देश दिये हैं लेकिन कई निजी विद्यालय दूसरी कंपनियों के एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका नुकसान शिक्षक और अभिभावकों को हो रहा हैं। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा दीक्षा एप, स्कूल के यू-ट्यूब चैनल, ई-पाठशाला, स्वयंप्रभा आदि जारी किये जा चुके हैं। इन सभी में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई की सारी सामग्री है।
पासवर्ड को मजबूत बनाएं ’ वीडियो कॉल आदि से बचें। ’ मोबाइल या लैपटॉप से पढ़ाई में इस्तेमाल करने से पहले बांकी सारी चीजें बंद कर दें। ’ जो भी डाटा हो, उसे पासवर्ड से लॉक करके रखें ’ संभव हो तो ऐसे मोबाइल का ऑनलाइन पढ़ाई में इस्तेमाल करें, जिसमें किसी तरह का डाटा न हो
ज्यादातर स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। कुछ ऐसे ऑनलाइन एप हैं, जिससे अभिभावक, छात्र और शिक्षकों का डाटा हैक हो रहा है। इसकी शिकायत कई अभिभावकों ने की है। स्कूलों को इसका ख्याल रखना चाहिए। वही एप इस्तेमाल करें तो सुरक्षित हो। - डीके सिंह, अध्यक्ष, बिहार चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन
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