कोरोनवीरस: एक ठीक व्यक्ति के रक्त से चार लोगों का इलाज संभव हो सकता है
इस बीमारी से पीड़ित अन्य रोगियों को अब उन रोगियों के रक्त प्लाज्मा के साथ इलाज किया जा सकता है जो कोरोना से ठीक हो गए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने रक्त प्लाज्मा से इस बीमारी के रोगियों के उपचार की अनुमति दी है। एम्स मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम ने कहा कि कोरोना से पीड़ित चार लोगों का इलाज उस व्यक्ति के रक्त से किया जा सकता है जिसे कोरोना से ठीक किया गया है। यह रक्त प्लाज्मा तकनीक कैसे काम करती है: एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ। नवल विक्रम के अनुसार, यह उपचार प्रणाली इस धारणा पर काम करती है कि संक्रमण से उबरने वाले रोगियों में प्रतिरोधी एंटीबॉडी विकसित होती हैं जो उनके शरीर में संक्रमण को बेअसर कर देती हैं। इसके बाद, नए रोगी के रक्त में पुराने रोगी के रक्त को डालने से नए रोगी के शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को समाप्त कर दिया जाता है। प्लाज्मा को 14 दिनों के बाद ही सही रोगी से लिया जा सकता है: प्रोफेसर नवल विक्रम के अनुसार, रोगी के शरीर से प्लाज्मा (एंटीबॉडी) उसके ठीक होने के 14 दिन बाद लिया जा सकता है और उस मरीज का कोरोना टेस्ट एक बार नहीं, बल्कि दो बार किया ...